Vat Savitri Vrat 2025: 2025 में वट सावित्री व्रत कब है ? जाने पूजा डेट टाइम

Vat Savitri Vrat 2025: वट सावित्री व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन रखा जाता है। साल 2025 में यह व्रत 26 मई को रखा जाएगा। ये व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत ही खास माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार करके अपने पति की दीर्घायु के लिए भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी और वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ की विधि-विधान से पूजा करती हैं। वट सावित्री का व्रत रखने से पति की दीर्घायु होती है इस दिन माता सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राणों को यमराज से वापस छीनकर लाई थी। तब से इस व्रत को करने की परंपरा चली आ रही है जो भी सुहागन महिलाएं इस व्रत को यानी कि वट सावित्री व्रत को रखती हैं। उनका सुहाग अखंड होता है उनके पति की दीर्घायु होती है और उनके घर में सुख और समृद्धि आती है।

वट सावित्री व्रत में जो कच्चा सूत होता है उससे फेरे या परिक्रमा लगाए जाते हैं। और पूरी विधिवत रूप से व्रत करके दान पुण्य किया जाता है। इसके साथ ही इस दिन अमावस्या भी मनाई जाती है। इसलिए अमावस्या वाले दिन दान पुण्य जो है व जरूर निकालना चाहिए। जो यूपी और एमपी से जुड़ी हुई माताएं बहनें होती हैं वो बहनें अमावस्या वाले दिन वट सावित्री का व्रत करती हैं और जो बहनें महाराष्ट्र इत्यादि शहरों से जुड़ी हुई हैं ऐसी बहनें वट पूर्णिमा का व्रत करती हैं। यानी 15 दिन पहले अमावस्या को यूपी बिहार वाली या यूपी एमपी वाली जो भी माताएं हैं वह व्रत करती हैं।

और पूर्णिमा वाले दिन महाराष्ट्र की जो भी माताएं बहने हैं व इस व्रत को करती हैं तो दो बार यह जो व्रत है वो किया जाता है एक अमावस्या वाले दिन और एक पूर्णिमा वाले दिन तो आपके घर की जैसी परंपरा है उस हिसाब से इस व्रत को आप लोग जरूर कीजिए और अपने पति की दीर्घायु की कामना को लेकर भगवान श्री हरि विष्णु महादेव और ब्रह्मा जी से निवेदन कीजिए कि वह आपके पति की दीर्घायु करें और आपके जीवन में सुख और समृद्धि लाएं।

वट पूर्णिमा पूजा विधि

वट सावित्री पूर्णिमा के दिन सभी विवाहित महिलाएं सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करती है। और लाल वस्त्र पहकर महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं और इस दिन महिलाएं सुबह में जल्दी उठकर पवित्र स्नान करती है। और लाल रंग का कपड़ा पहनती है और इसके बाद महिलाएं सोलह शृंगार करती है और प्रसाद के लिए सात्विक भोजन तैयार करती है। इसके बाद सभी व्रती महिलाये पीपल पेड़ मे कच्चा सूत लपेटी है जल से भरा कलश, हल्दी, कुमकुम, फूल और पूजन की सभी सामग्री लेकर जहां वट वृक्ष हो, वहां पर जाकर वट वृक्ष पर छड़ती है जल चढ़ाएं और उसके समक्ष देसी घी का दीपक जलाएं। इसके बाद सभी पूजन सामग्री एक-एक करके अर्पित करें। फिर पेड़ के चारों ओर 7 बार परिक्रमा करें और उसके चारों ओर सफेद कच्चा सूत बांध दें इस दिन महिलाएं भोर में उठकर पवित्र स्नान करें। पारंपरिक लाल रंग के वस्त्र धारण करें। वट सावित्री कथा का पाठ करें। अंत में आरती से पूजा का समापन करें। भगवान का आशीर्वाद लें और पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करें। अविवाहित महिलाएं भी मनचाहे वर प्राप्ति के लिए व्रत रख सकती हैं।

वट सावित्री व्रत 2025 शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसार साल 2025 में वट सावित्री व्रत 26 मई दीन सोमवार को रखा जाएगा। ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि 26 मई 2025 को दोपहर 12 बजकर 12 बजे से शुरू होगी और 27 मई 2025 को सुबह 08 बजकर 31 बजे समाप्त होगी। एसलिए उद्यायतिथि के अनुसार जिस दिन दोपहर में अमावस्या पड़ती है उसी दिन व्रत करना श्रेष्ठ माना जाता है इसलिए साल 2025 मे वट सावित्री व्रत 26 मई को रखा जाएगा। और पूजा करने का शुभ मुहूर्त होगा सुबह 04 बजकर 03 मिनट बजे से लेकर सुबह 04 बजकर 44 मिनट तक रहेगा पूजा का अभिजीत मुहूर्त होगा सुबह 11 बजकर 51 बजे से लेकर दोपर 12 बजकर 46 बजे तक रहेगा और गोधूलि पूजा का शुभ मुहूर्त होगा शाम 07 बजकर 10 बजे से लेकर शाम 07 बजकर 31 बजे तक तक रहेगा

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