Diwali 2025: दीपावली का त्योहार हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान प ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम ने 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लोटे थे। जिसकी खुशी में अयोध्या वासियों ने घर-घर दीप जलाए थे।
वैसे तो दिवाली का पर्व पांच दिन तक मनाया जाता है जो कि इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। और दूसरे दिन नरक चतुर्टशी, तीसरे दिन दीवाली चोथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवे दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। हर दिन का अपना अलग महत्व है इन पांच दिन तक लोग अपने घर-आंगन में दीप जलाते है और खुशियां मनाते हैं।
हिन्दू धर्म शस्त्रों के अनुसार दिवाली ( Diwali) के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा करने से मुख्य रूप से धन, समृद्धि, और खुशहाली का आशीर्वाद मिलता है। और दिवाली के दिन लक्ष्मी-गणेश की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है। माना जाता है कि लक्ष्मी-गणेश की पूजा से बीमारियों से छुटकारा मिलता है और जीवन स्वस्थ रहता है।
लेकिन इस बार दिवाली के पर्व की डेट को लेकर लोगों में कंफ्यूज बना हुआ है। कि साल 2025 में दिवाली (Diwali) कब मनाई जाएगी। 20 या 21 अक्टूबर, जाने पूजा की सही डेट, पूजा करने की विधि और इस दिन लक्ष्मी पूजा की सही समय क्या है जानिए सम्पूर्ण जानकारी
दीवाली पूजा विधि – Diwali Puja Vidhi 2025
दीवाली के दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा अर्चना की जाती है। इसलिए इस पूजा को सफल बनाने के लिए सबसे पहले घर या मंदिर की अच्छे से साफ-सफाई करके पूरे घर में गंगाजल का छिड़काव करे। इसके बाद पूजा करने के लिए सबसे पहले एक चौकी लेकर उसपर एक साफ़ लाल कपडा बिछाये। इसके बाद उस चोकी के बीच में भगवान गणेश जी और माता लक्ष्मी की मर्तिया रखे।
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ध्यान रखें कि माता लक्ष्मी को भगवान गणेश जी के दाहिने स्थापित करे। और माता लक्ष्मी और भगवान गणेश जी प्रतिमा का मुख पूर्व या पक्षिम दिशा की तरफ ही रहे। इसके अलावा दीवाली (Diwali) पर्व के दिन भगवान कुबेर, माता सरस्वती और कलश की भी स्थापना करनी चाहिए। अब हाथ में लाल या पीले फूल लेकर भगवान गणेश जी का ध्यान करें और उनके बीज मंत्र -ऊँ गं गणपतये नमःका जाप करे।
माता लक्ष्मी को लाल सिंदूर का तिलक लगाएं और माता लक्ष्मी के श्री सूक्त मंत्र का पाठ कों। इसके साथ देवी सरस्वती, माता काली, भगवान विष्णु और भगवान कुबेर की पूजा भी विधि विधान से करे। इसके बाद खीर, बताशे, और मिठाई का भोग लगाए। अब धुप अगरबत्ती और दिए से भगवान गणेश जी और माता लक्ष्मी की आरती करें। लेकिन दिवाली (Diwali) की पूजा पूरे परिवार को एक साथ मिलकर करना चाहिए। इसके बाद खुद आरती लेकर पूरे परिवार को आरती लेना चाहिए।
दीवाली पूजा 2025 में कब है? Diwali Puja 2025 Shubh Muhurat Date Time
हिन्दू पंचांग के अनुसार दीवाली का पर्व हर साल कार्तिक सास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस साल अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर 2025 को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी और अगले दिन 21 अक्टूबर 2025 को शाम 05 बजकर 54 मिनट पर समाप्त होगी।
लक्ष्मीं पूजा का समय – रात 07.08 बजे से लेकर रात 08:18 बजे तक
प्रदोष काल शाम 05:46 बजे से रात 08:18 बजे तक
वृषभ काल – रात 07:08 बजे से रात 09:03 बजे तक
निशितकाल पूजा का मुहूर्त – 21 अक्टूबर 2025 को रात 11:41 बजे से लेकर सुबह 12:31 बजे तक रहेगा।