Hanuman Jayanti 2025: हनुमान जयंती का पर्व हर साल बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है हनुमान जयंती भगवान हनुमानजी के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। हर साल हनुमान जयंती चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। तो कही पर हनुमान का पर्व कार्तिक मास के कृष्णपक्ष के चौदवें दिन भी मनाई जाती है। मान्यता है कि आज के जो भी भक्त हनुमान जी की सच्चे मन से पूजा पाठ करते है तो उनकी सभी मनोकामना की पूर्ति होती है। ही आने वाली सभी प्रकार की विघ्न बाधाएं दूर होती है। शास्त्रो के अनुसार हनुमान जी भगवान शिवजी के ग्यारहवे अवतार के रूप में जाना है। इसलिए आज के दिन हनुमान जी की पूजा करने के साथ-साथ भगवान शिव जी की पूजा करने का विधान है। साल 2025 में चैत्र मास की पूर्णिमा 12 अप्रैल शनिवार को है।
हनुमान जयंती पूजा विधि
हनुमान जयंती के दिन पवन पुत्र हनुमान जी की पूजा अर्चना करना मंगलकारी माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की कृपा पाने के लिए इस प्रकार करें करना चाहिए। हनुमान जयंती के दिन व्रत से एक दिन पहले से ही बेड, चारपाई पर सोना नही चाहिए बल्कि हो सके तो इस दिन जमीन पर हो सोना चाहिए। और सोते समय श्रीराम और माँ सीता सहित हनुमान जी का स्मरण करना चाहिए। और व्रत के अगके दिन यानी कि हनुमान जयंती के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर पुनः एक बार फिर भगवान राम जी और माता सीता व हनुमान जी को याद करें। इसके पश्चात हाथ में गंगाजल लेकर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद पूर्व की ओर भगवान हनुमान जी की प्रतिमा को स्थापित करें। और विनम्र भाव से बजरंगबली की प्रार्थना करें। इसके बाद षोडशोपाचार की विधि विधान से श्री हनुमानजी की पूजा आराधना करें।
हनुमान जयंती 2025 डेट टाइम
हिंदी कैलेंडर के अनुसार चैत्र मास पूर्णिमा तिथि का आरंभ 12 अप्रैल 2025 को प्रात: 03 बजकर 20 मिनट पर होगी। और अगले दिन 13 अप्रैल 2025 को सुबह 05 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी। इसलिए उदयातिथि के अनुसार हनुमान जयंती 12 अप्रैल को मनाई जाएगी। और प्रातः काल हनुमान जयंती पूजा का शुभ मुहूर्त 07 बजकर 35 बजे से लेकर सुबह 09 बजकर 11 बजे तक रहेगा। और शाम को पूजा का शुभ मुहूर्त है 06 बजकर 45 बजे से लेकर रात 08 बजकर 08 बजे तक रहेगा।
हनुमान जयंती पर क्या करे
हनुमान जयंती के दिन भगवान हनुमान जी की पूजा अर्चना करने के बाद बंदरो को गुड़ जरूर खिलना चाहिए। ऐसा करने से हनुमान जी सीघ्र प्रसन्न होते है। हनुमान जयंती के दिन सभी व्रत रखने वालों को ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। और हनुमान जी की पूजा में लाल रंग के फूल, शुद्ध देसी घी या तिल के तेल का प्रयोग अवश्य करना चाहिए।