Vishwakarma Puja 2025 Date And Time: विश्वकर्मा पूजा कब है २०२५, जाने पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, उपाय

नमस्कार मित्रो मैं हु अजीत यादव मैने इस लेख के माध्यम से बताया हूँ कि साल 2025 में इस बार विश्वकर्मा पूजा कब मनाया जाएगा, पूजा की सही तिथि क्या होगी, पूजा करने की विधि क्या रहेगी और इस दिन क्या करना चाहिए क्या नही करना चाहिए आईये जानते हैं। इस बार विश्वकर्मा पूजा को लेकर लोगों के बीच में कन्प्यूजन की सिथिति बनी हुई है। क्योकि इस बार सूर्य देव 17 सितंबर को देर रात 01 बजकर 54 मिनट पर सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि में गोचर करेंगे। इसलिए इस वजह से लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है कि इस बार पूजा 16 सितंबर को मनाया जाएगा या फिर 17 सितंबर को

Vishwakarma Puja 2025 Date And Time: दोस्तो हिन्दू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाया जाता है। भाद्रपद मास में जब भगवान सूर्य नारायन सिंह राशि से निकलकर कन्या राशि मे प्रवेश करते है तो इस तिथि को कन्या संक्रांति कहा जाता है। कन्या संक्रांति के दिन हर साल विश्वकर्मा पूजा का पर्व मनाया जाता हैं।

भगवान विश्वकर्मा भगवान ब्रम्हा जी के वे पुत्र है। जो बह्मांड बनाने में भगवान बह्मा की मदत किया था। पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी-देवताओं के अस्त्र-शस्त्र और भवन निर्माण का कार्य भी विश्वकर्मा भगवान द्वारा किया गया है। इस लिए हर साल बड़े ही धूमधाम से विश्वकर्मा पूजा मनाया जाता है। भगवान विश्वकर्मा को इस संसार का पहला शिल्पकार वास्तुकार और इंजीनियर माना गया है।

विश्वकमा पूजा विधि

विश्वकर्मा पूजा के दिन जातक सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवित्र होकर नए या साफ वस्त्र पहने इसके बाद ऑफिस, टुकान, वर्कशॉप, फैवट्री आटि छोटे या बड़े संस्थान की अच्छे से साफ सफाई करने के साथ ही सभी उपकरण, औजार, सामान, और मशीन की भी अच्छे से सफाई करे। फिर पूरी जगह पर गंगाजल का छिड़काव करे। फिर पूजा के लिए सबसे पहले पूजा स्थल पर कलश जी स्थापना करें। और फिर एक चौकी ले और उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर या मूर्ति स्थपित करे। इसके बाद हाथ में फूल और अक्षत लेकर भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करे।

इसके बाद फूल लेकर “ॐ विश्वकरमणे नमः” मंत्र पढें और चारो ओर छिड़कें। इसके बाद सभी मशीन व औजार आदि पर रक्षा सुत्र बांधे और
प्रणाम करे। फिर भगवान को फल, मिष्ठान आटि का भोग लगाएं। और प्रसाद को सभी लोगों और कर्मचारियों में वितरित करें। मान्यता है कि जो
लोग आज के दिन यानी कि विश्वकर्मा पूजा के दिन पूरे विधि विधान के साथ भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना करते है। उनके कारोबार में दिन
दूनी रात चौगनी तरक्की होती है।

विश्वकर्मा पूजा ने ना करे ये गलतिया

  • विश्वकर्मा पूजा के दिन विशेष तौर पर औजारों और मशीनों की पूजा का विधान है। इसलिए इस दिन भूलकर भी औजारों और मशीनों का अपमान नहीं करना चाहिए। बल्कि इस दिन हमे उन औजारों की अच्छी से साफ-सफाई और पूजा जरूर करनी चाहिए जिनका प्रयोग हम रोजाना
  • करते हैं।
  • इसके अलावा विश्कर्मा पूजा के दिन पुराने औजार या फिर काम में ना आने वाले औजारों को भी गलती से ना फेके याद  रखे किसी भी कारण से औजारों और मशीनों का अपमान नहीं करना चाहिए।
  • विश्वकर्मा पूजा वाले दी न औजारो को पूरी तरह से विश्राम देना चाहिए। और इस दिन न तो स्वंय औजारों का प्रयोग करे और नही किसी अन्य को करने दे।
  • अपने व्यापार में वृद्दि के लिए विश्वकर्मा पूजा के दीन किसी निर्धन व्यक्ति जरूरत मन्द व्यक्ति को दान अवश्य दे।


Vishwakarma Puja 2025 Date and Time पूजा का शुभ मुहूर्त कब है?

विश्वकर्मा पूजा कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस दिन सूर्य देव कन्या राशि में प्रवेश करते हैं।

त्योहार का नामदिन व दिनांक
विश्वकर्मा पूजा 17 सितम्बर 2025 दिन बुधवार
 कन्या संक्रांति तिथि पर पुण्य कालसुबह 05:36 – सुबह 11:44 बजे तक
महा पुण्य काल का समयसुबह 05:36 – सुबह 07:39 बजे तक
सूर्योदयसुबह 06:07 बजे पर
सूर्यास्तशाम 06:24 बजे पर
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:33 – 05:20 बजे तक
विजय मुहूर्तदोपहर 02:18 – 03:07 बजे तक
गोधूलि मुहूर्त शाम 06:24 – 06:47 बजे तक
निशिता मुहूर्त रात 11:52 – 12:39 बजे तक

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