नमस्कार मित्रो मैं हु अजीत यादव मैने इस लेख के माध्यम से बताया हूँ कि साल 2025 में हरियाली तीज का व्रत कब रखा जायेगा और इस पूजा की सही तिथि क्या होगी, और पूजा करने की विधि क्या है, और इस हरियाली तीज पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या रहेगा आइये जानते है।
2025 Hariyali Teej Timing: हर साल हरियाली तीज का पावन पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हरियाली तीज का पर्व महिलाओं के अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए काफी विशेष व्रत माना जाता है। हरियाली तीज को सावन तीज, श्रावणी तीज, छोटी तीज और मधुश्रवा तीज के नाम से भी जाना जाता है। और इस पर्व को नाग पंचमी से दो तिथि पूर्व मनाते हैं। हरियाली तीज के दिन महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए ब्रत रखती हैं और माता पार्वती के साथ गणेश जी तथा भगवान शिव की पूजा करती हैं।
सुहागिन महिलाओं के अलावा कंवारी कन्याएं भी योग्य वर प्राप्ति के लिए ये व्रत रखती हैं। बता दे कि हरियाली तीज व्रत करने के कुछ खास नियम है जिनका पालन करना काफी जरूरी होता है। यदि व्रत के दौरान इन नियमों का पालन ना किया जाये तो व्रती को व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है। अब आइये जानते है साल 2025 में हरियाली तीज कब है, पूजा का शुभ मुहूर्त और पूजा की सही विधि के बारे में
हरियाली तीज 2025 तिथि
हरियाली तीज का पावन पर्व सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार, इस बार सावन शुक्ल तृतीया तिथि की शुरूआत 26 जुलाई शनिवार को रात में 10 बजकर 41 मिनट पर होगी और तृतीया तिथि की समाप्ति 27 जुलाई रविवार को रात 10 बजकर 41 मिनट तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर इस बार हरियाली तीज 27 जुलाई रविवार को है।
2025 Hariyali Teej Timing
हरियाली तीज के शुभ मुहूर्त – प्रातःकाल 04:17 से 04:58 तक शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त – दोपहर 12:00 से 12 :55 मिनट तक है। विजय शुभ मुहूर्त -दोपहर में 2:43 मिनट से दोपहर 3 :38 मिनट तक रहेगा।
हरियाली तीज व्रत के नियम
हरियाली तीज का निर्जला व्रत रखा जाता है। इस दिन महिलाये सुबह स्नान करने के बाद पूजा स्थल में दीप प्रज्वलित कर हरियाली तीज का व्रत का संकल्प लें।और भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें। वे महिलाये जो निर्जला व्रत रखने में सक्षम नहीं हैं, तो वे फलाहार व्रत का संकल्प लें।
हरियाली तीज व्रत में भगवान शंकर जी, और मा पार्वती की पूजा के साथ ही भगवान गणेश जी की भी पूजा अवश्य करें देवी पार्वती की पूजा करते समय उनको 16 श्रंगार की वस्तुएं अर्पित करे। जिसमें मेहदी, महाबर, कुमकुम, सिंदूर, चूडी, चुनरी, साड़ी, आभूष्ण, पुष्प माला आदिशामिल हों।
व्रत रखने वाली महिलाये इस दिन विशेषकर ध्यान रखें कि इस दिन सोलह श्रंगार करना न भूलें, महिलाये नए वस्र पहने और सज धज कर व्रत रखें। हरियाली तीज ‘व्रत में हरे रंग का विशेष महत्व होता है। हरा रंग अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। साथ ही ये रंग भगवान शंकर जी और माता पार्वती जी को भी बेहद प्रिय है।
ऐसे में महिलाये इस दिन हरे रंग की चड़ी, बिंदी, हरी साड़ी और अन्य श्रंगार सामग्री में हरे रंग का इस्तेमाल ज्यादा कों सुहागिन महिलाये भूलकर भी इस दिन काले और सफेद रंग के कपड़ें ना पहने हरियाली तीज का व्रत कथा के बिना अधूरा है। इसलिए इस दिन भगवान भोलेनाथ और मा पार्वती की विधि-विधान से करे। पूजा के बाद कथा जरूर पढ़े या फिर सुने और पति की लंबी आयु की कामना करती है।
यह व्रत महिलाओं द्वारा अपने सुहाग की लम्बी उम्र के लिए किया जाता है। इसलिए इस पावन दिन पर महिलाये इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अपने पति के साथ किसी भी प्रकार का कोई वाद विवाद ना करें। और ना ही उनका दिल दुखाये इसके अलावा इस के व्रत दौरान अपशब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए। बल्कि मन को शांत और प्रसन्न रखना चाहिए।
हरियाली तीज की पूजा के बाद अपनी सास और ननद को प्रसाद खिलाकर उनका आशीर्वाद ले। पूजा के बाद अपनी सास के पैर छूकर उनका आशीर्वाद ले। हरियाली तीज का व्रत पारण, जिसे व्रत खोलना भी कहते हैं, आमतौर पर चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद किया जाता है।
हालांकि कई लोग व्रत का पारण व्रत के अगले दिन सूयोंदय के बाद शुभ मुहूत में भी करते है। पारण के समय सबसे पहले पूजा में चढ़ाया भोग ग्रहण करे। मिठाई खाएं और फिर पानी पिएं इस दिन तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। लहसुन-प्याज से युक्त भोजन भी न करे।
